हानिवा (टैराकोटा समाधि मूर्ति), केइको कवच में योद्धा
(Haniwa, Keiko no bujin)

हानिवा लाल-भूरे रंग की टैराकोटा(एक प्रकार की मिट्टी) की मूर्तियाँ हैं जो अंदर से खोखली होती हैं। शक्तिशाली स्थानीय सामंतों के उन कब्र स्तूपों की खुदाई में मिलीं ये मूर्तियाँ जापान में तीसरी सदी से लेकर छठी सदी के अंत तक बनाई गई थीं। हानिवा मूर्तियों को मकानों से लेकर इंसानों तक, विभिन्न आकृतियों में बनाया जाता था और कब्र स्तूपों के ऊपर या फिर चारों ओर इन्हें कतार में रखा जाता था। समझा जाता है कि केइको कवच में योद्धा की हानिवा को छठी शताब्दी के आसपास बनाया गया था। ये मूर्ति पूर्वी जापान के गुम्मा प्रिफ़ैक्चर में खुदाई के दौरान मिली थी। योद्धा के कवच और हथियारों को बारीकी से बनाया गया है और हम देख सकते हैं कि उस ज़माने के योद्धा किस तरह की वेशभूषा पहना करते थे। जापान में जितनी भी हानिवा मौजूद हैं, उनमें से केवल इसी हानिवा को राष्ट्रीय निधि का दर्जा प्राप्त है। इसकी तस्वीर डाक टिकटों पर नज़र आई है और इसे एनिमेशन तथा फिल्मों में मुख्य किरदारों के आदर्श की तरह इस्तेमाल भी किया जा चुका है। प्राचीन काल के जापानी हानिवा मूर्तियाँ क्यों बनाया करते थे और उन्हें कब्र स्तूपों पर क्यों रखा करते थे? केइको कवच में यह योद्धा आखिर कौन था? कार्यक्रम में ग़ौर करेंगे हानिवा योद्धा की कहानी पर जो आज भी जापानी लोगों को मंत्रमुग्ध करती है।