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सेन्सेइ से पूछें

क्रिया का 'ते'-रूप + 'कुदासाइ' (पाठ 8)

किसी से कुछ करने का अनुरोध करने के लिए जापानी भाषा में क्रिया के 'ते'-रूप के बाद 'कुदासाइ' (कृपया) जोड़ते हैं। 'ते'/'दे' से ख़त्म होने वाले क्रिया के रूप को 'ते'-रूप कहते हैं।

जैसे अगर आप किसी से कहना चाहते हों कि “याद कर लीजिए”, तो क्रिया 'ओबोएमासु' (याद करना) के 'ते'-रूप से जोड़ेंगे 'कुदासाइ', तो बन जाएगा 'ओबोएते कुदासाइ'। अब सीखते हैं कि क्रिया के 'मासु'-रूप से 'ते'-रूप कैसे बनाते हैं। जैसे 'ओबोएमासु' का 'ते'-रूप है 'ओबोएते'।

इसका मूलभूत तरीक़ा है क्रिया के अन्त के 'मासु' को 'ते' में बदलना। उदाहरण है, क्रिया “खाना” यानी 'ताबेमासु' का 'ते'-रूप होगा 'ताबेते'। तो 'ताबेते कुदासाइ' का अर्थ हुआ “खा लीजिए”।

इसी तरह, क्रिया “देखना” यानी 'मिमासु' का 'ते'-रूप हुआ 'मिते'। तो 'मिते कुदासाइ' का मतलब हुआ “देख लीजिए”।
क्रिया “करना” को जापानी भाषा में कहते हैं 'शिमासु' और इसका 'ते'-रूप है 'शिते'। तो 'शिते कुदासाइ' का मतलब है “कर लीजिए” या “कर दीजिए”।
क्रिया “आना” को जापानी भाषा में कहते हैं 'किमासु' और इसका 'ते'-रूप है 'किते'। तो 'किते कुदासाइ' का अर्थ है “आइए”।

आपको सिर्फ़ क्रिया के अन्त का 'मासु' हटाना है और उसकी जगह 'ते' जोड़ना है। आसान है न? 'मासु' के पहले 'ए' की ध्वनि वाली क्रियाओं, जैसे 'ओबोएमासु', या 'मासु' के पहले 'इ' की ध्वनि वाली कुछ क्रियाओं, जैसे 'मिमासु', का 'ते'-रूप इस तरीक़े से बनाया जाता है।

बाकी क्रियाओं का 'ते'-रूप बनाना, अगले पाठ में सिखाएँगे। जापानी भाषा सीखने के सफ़र में, क्रिया के 'ते'-रूप को शायद सबसे पहली बड़ी मुश्किल कह सकते हैं। तो मन लगाकर याद कीजिए।
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