जापान की प्रसिद्ध लोककथा "सारस का प्रतिदान" से प्रेरित इस कहानी का ताना-बाना आज के जापान में बुना गया है। इसका नायक नौजवान आधुनिक जापान में जीता है।
"सारस का प्रतिदान" कहानी में एक शिकारी ने जिस सारस की जान बचायी थी उसने युवती का वेष धारण कर नेकी का बदला चुकाया। किन्तु उस दुखांत कहानी में युवती वेषधारी सारस, शिकारी को छोड़कर इसलिए चला गया क्योंकि शिकारी ने उसे असली रूप में न देखने की शर्त का उल्लंघन कर दिया था।
"फ़ुगु का प्रतिदान" कहानी की नायिका फ़ुगु यानी पफ़र मछली है। नौजवान ने क्या नेकी की और पफ़र मछली ने उसका बदला कैसे चुकाया? कहानी का अंत सुखांत हुआ या दुखांत? ऐसे तमाम प्रश्नों के उत्तर आपको मिलेंगे एक प्रसिद्ध लोककथा की भावभूमि पर आधारित इस आधुनिक लघुकथा में।
इसके लेखक तामारु मासातोमो इस पीढ़ी के अग्रणी लघु कथाकार हैं।