साहित्य सरिता : हरफ़नमौला (2)
यह कहानी जापान की पहचान कन्वीनियन्स स्टोर्स पर केन्द्रित है। नायक, रियो कॉलेज में चौथे वर्ष का विद्यार्थी है। वह नौकरी तलाश रहा है पर बात कुछ बन नहीं रही। उसमें आत्मविश्वास की कमी है और बहुत घुटन है। रियो की ज़िन्दगी बड़ी बेमज़ा सी गुज़र रही है। वह कुछ घण्टे एक कन्वीनियन्स स्टोर में काम करता है। सारा दिन स्टोर चलाने की भागदौड़ और विदेशी छात्र सहकर्मियों को उनके काम समझाने में ही बीत जाता है। फिर एक दिन अचानक कुछ ऐसा हुआ कि उसका कन्वीनियन्स स्टोर सारे देश और मीडिया में चर्चित हो गया। उसके बाद रियो के सहकर्मी ने कुछ ऐसी बात कह दी जिसने रियो का सोया आत्मविश्वास जगा दिया।
उपन्यासकार और पटकथा लेखक तोतोकि नाओको ने यह कहानी विशेष रूप से साहित्य सरिता के लिए लिखी है। सुनिए कहानी का दूसरा और अन्तिम भाग!