साहित्य सरिता - एक गहरी साँस लो! (भाग-3)
छोटे से कस्बे में रहने वाली जूनियर हाई स्कूल की एक लड़की में आत्मविश्वास की इतनी कमी है कि वह स्कूल या घर में अपने मन की बात किसी से नहीं कह पाती। उसे हमेशा इस बात की चिन्ता रहती है कि लोग क्या कहेंगे। इसीलिए वह सबसे अलग थलग रहती है और नितान्त अकेला महसूस करती है। लेकिन वास्तव में उसके जीवन में "कोई ख़ास" है जिसे वह अपने परिजनों और दोस्तों, सभी से गुप्त रखती है। यह कोई और नहीं विदेशी फिल्मों का एक अभिनेता है जिसकी एक फ़िल्म उसने हाल में देखी थी। इस फ़िल्म में "उस" का अकेलापन और उदासी भरा आचरण लड़की को अभिभूत कर देता है। निश्चित तौर पर वह जीवन में "उस" से कभी नहीं मिलेगी लेकिन "उस" का होना ही लड़की को जीने का आनन्द देने लगता है। आप भी लीजिए आनन्द कहानी के तीसरे भाग का!