भारत की बुलेट रेल : भारतीय हाई स्पीड रेल के अभियंताओं से भेंटवार्ता - भाग 4
भारत में निर्मित हो रही बुलेट रेल यानि हाई स्पीड रेल परियोजना को साकार करने के लिए अप्रैल-जून 2022 में संचालन और रख-रखाव के प्रमुख नेतृत्व (केओएमएल) का प्रशिक्षण जापान में हुआ और शिनकान्सेन के तकनीकी हस्तांतरण का पहला सत्र रहा।

13 अभियंताओं के प्रशिक्षण की समाप्ति पर एनएचके वर्ल्ड-जापान की हिन्दी सेवा ने उनसे बात की। शृंखला के चौथे और अंतिम अंक में सुनें इलेक्ट्रिक यानि विद्युत विभाग के अभियंता अविनाश परमार और सुरेश निमन्ना से भेंटवार्ता। (6 अगस्त 2022 को प्रसारित अंक का पुनर्प्रसारण)
पूर्वी जापान रेलवे (जेआर ईस्ट) की ई5 श्रेणी की शिनकान्सेन बुलेट रेलगाड़ी का भारतीयकरण कर, मुंबई-अहमदाबाद के बीच की 508 किमी की दूरी को क़रीब 2 घंटे में पूरा करने की योजना है।
रख-रखाव के लिए विशिष्ट रेल पटरी बदलने वाले स्विच (टर्नआउट चाबी) के बारे में जानकारी लेते अभियंता।
रात्रिकालीन रख-रखाव कार्य निष्पादित करते विद्युत विभाग दल के सदस्य।
विद्युत विभाग के अभियंता 2 महीने के प्रशिक्षण की समाप्ति पर। सुरेश निमन्ना (बाएँ छोर पर) और अविनाश परमार (दाहिने छोर पर)। साथ हैं उनके प्रशिक्षक ताकेमात्सु ताकुया (बाएँ से दूसरे), फ़ुजिता तेत्सुओ (दाएँ से दूसरे), और केंद्र में उनकी दुभाषिया फ़ुकादा चिआकि।