भारत की बुलेट रेल : भारतीय हाई स्पीड रेल के अभियंताओं से भेंटवार्ता - भाग 3
भारत में निर्मित हो रही बुलेट रेल यानि हाई स्पीड रेल परियोजना को साकार करने के लिए अप्रैल-जून 2022 में संचालन और रख-रखाव के प्रमुख नेतृत्व (केओएमएल) का प्रशिक्षण जापान में हुआ और शिनकान्सेन के तकनीकी हस्तांतरण का पहला सत्र रहा।
13 अभियंताओं के प्रशिक्षण की समाप्ति पर एनएचके वर्ल्ड-जापान की हिन्दी सेवा ने उनसे बात की। शृंखला के तीसरे अंक में सुनें फ़ैसिलिटी विभाग के अभियंता शहज़ाद अली, विपिन कुमार, मिथिलेश कुमार सिंह और रविन्दर सिंह से भेंटवार्ता। (30 जुलाई को प्रसारित अंक का पुनर्प्रसारण)
जेआर ईस्ट की शिनकान्सेन निरीक्षण रेल का नाम है 'ईस्ट-आई'। यह शिनकान्सेन की पटरी और विद्युत तंत्र की जाँच के लिए प्रयुक्त होती है।
गुफा के मरम्मत कार्य के बारे में प्रशिक्षण लेते अभियंता।
'दुर्घटनाओं के ऐतिहासिक गलियारे' में प्रदर्शित त्सुनामि से तबाह स्थानीय रेल और भूकंप से पटरी से उतरी शिनकान्सेन रेल की बोगियाँ।
फ़ैसिलिटी विभाग के अभियंता - पिछली पंक्ति में बाँए से क्रमशः शहज़ाद अली (तीसरे), विपिन कुमार (चौथे), मिथिलेश कुमार सिंह (दाहिने छोर पर), और रविंदर सिंह (आगे की पंक्ति में बाएँ से दूसरे)