"टेलीफ़ोन घोटाला और फ़्रेंच टोस्ट का स्वाद" एक नकली माँ-बेटे की मुलाक़ात की कहानी है जिसका ताना-बाना आजकल बहुत अधिक चर्चित टेलीफ़ोन कॉल घोटाले "मैं बोल रहा हूँ, पैसे भेज दीजिए" पर केन्द्रित है जिसमें फ़ोन करने वाला मुसीबत में घिरे बेटे का दिखावा करके माता-पिता से पैसे मँगवा लेता है।
शोता नाम का नौजवान नौकरी खो देने के बाद बहुत हताश है। उसे अचानक पार्क में एक स्मार्टफ़ोन मिल जाता है जिस पर "माँ" का फ़ोन नंबर दिखाई दे रहा था। उसने अनायास ही टेलीफ़ोन घोटाले के इरादे से कॉल कर दी। शोता उस "माँ" से पैसे लेने उसके घर जाता है जो उसे अपना बरसों पहले खोया बेटा समझ कर उस पर ममता की बौछार कर देती है। "माँ" बेटे की ज़िंदगी शान्ति से गुज़र रही थी तभी अचानक कुछ ऐसा हुआ कि नकली माँ-बेटे का मुखौटा उतर गया।