30 अप्रैल का अंक - किन्त्सुगि विशेषांक (1)
जापान और भारत को जोड़ता कार्यक्रम “चैरी के देश से”, जिसमें श्रोताओं के पत्रों और फ़ेसबुक टिप्पणियों के उत्तर के साथ होती हैं भारतीयों की नज़र से जापान के आकर्षणों के बारे में दिलचस्प जानकारी।
इस अंक में है, चीनी मिट्टी के टूटे बर्तनों को जोड़कर, उन्हें पहले से अधिक सुंदर और मूल्यवान बनाने की जापान की अनोखी प्राचीन कला 'किन्त्सुगि' सीखने भारत से जापान आयीं शुश्रि से मुलाक़ात का भाग-1।
जापानी लाख 'उरुशि' से टूटे फूलदान का गायब हिस्सा दोबारा बनाते हुए यह हैं ‘किन्त्सुगि’ कला सीखने जापान आयीं शुश्रि।
टूटे कप को जोड़ने से पहले उसकी घिसाई में तन्मय शुश्रि।
'किन्त्सुगि' के दिग्गज गुरु त्सुकामोतो शोजि के साथ भारतीय शिष्या शुश्रि।
2 सप्ताह के कड़े परिश्रम के बाद टूटे बर्तनों को किन्त्सुगि कला से मिला जीवनदान। शुश्रि की अथक मेहनत का फल ये पात्र।