26 फ़रवरी का अंक - क्यो-यूज़ेन साड़ी परियोजना पर रिपोर्ट (भाग 2)
कार्यक्रम में श्रोताओं के पत्रों के साथ होगी रिपोर्ट जापान-भारत समागम से बनी विशेष साड़ियों पर। जानिए क्यो-यूज़ेन साड़ी के बारे में इस परियोजना के प्रमुख ताकेहाना सुसुमु से।
तोक्यो के शिबुया इलाक़े में जनवरी-मध्य में जापान की पारंपरिक रंगाई तकनीक से बनी क़रीब 20 साड़ियों की प्रदर्शनी लगी।
आलूबुखारे की डिज़ाइन वाली साड़ी। यह डिज़ाइन 18वीं सदी के उस चित्र से ली गयी है जो जापान की राष्ट्रीय संपदा है।
प्रत्येक साड़ी की रंगाई हाथ से की गयी है और हर साड़ी दुनिया में अपने जैसी केवल एक ही है।
यूज़ेन साड़ियों की भारत में पहली प्रदर्शनी दिसंबर 2022 में लगायी गई थी। यूज़ेन साड़ी निर्माता ताकेहाना सुसुमु का कहना है कि लोगों ने साड़ियों पर पारंपरिक जापानी चिह्नों और डिज़ाइन को काफ़ी पसंद किया।