
19 मिनट 50 सेकंड
समझा जाता है कि दोगू यानि मिट्टी से बनी अकाचित कुम्हारी मूर्तिकला 2500 से 3000 साल पहले की कला है । इसकी विशेषता है विकृत शरीर, बड़ी-बड़ी आँखे और पूरी मूर्ति पर विस्तृत डिज़ाईन । इसे "धूप के चश्मे वाला दोगू" नाम इसलिए दिया गया क्योंकि देखने में ऐसा लगता है कि इसने धूप का चश्मा लगाया हुआ है, बिलकुल वैसा, जैसा उत्तरी कैनेडा के तटीय इलाकों में रहने वाले मूल निवासी लगाते हैं, बर्फ़ पर धूप की चमक से बचने के लिए । ये नहीं मालूम कि इन मूर्तियों को बनाने का उद्देश्य क्या था लेकिन इसकी एक टांग के न होने से कोई इशारा मिल सकता है । कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी टांग, बली देने के लिए जानबूझ कर तोड़ी गयी ताकि लोग चोट या आपदा से बचे रहें । कार्यक्रम में हम इस मूर्ति को क़रीब से जानेंगे जिसमें प्राचीन काल के निवासियों की प्रार्थनाएँ समायी हुईं हैं ।
