09 मिनट 09 सेकंड
जापान में प्राथमिक विद्यालय से लेकर उच्चतर विद्यालय तक सुलेखन की कक्षा होती है। छोटी कक्षा के छात्र पेंसिल व क़लम से और तीसरी कक्षा से ऊपर के छात्र पारंपरिक लेखन सामग्री ब्रश व स्याही का प्रयोग करते हुए बड़े अक्षर लिखने का प्रयास करते हैं। सीधे बैठकर नमूने को ध्यान से देखते हुए एक-एक अक्षर को उचित संतुलन के साथ लिखने का अभ्यास किया जाता है। जापान में सुंदर लिखाई पर बल दिया जाता है। जापानी विद्यालयों की विशिष्ट गतिविधि 'शोशा' के पाठ्यक्रम से आपका परिचय करवाएँगे।