जानकारी

प्राकृतिक आपदा से कैसे बचें? - भूकंप

Series① बड़ा भूकंप आने पर क्या करें?
(1) भूकंप से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय
(2) तीव्रता व संभावित प्रभाव : जापान के भूकंप मापी पैमाने के 0 से 4
(3) तीव्रता व संभावित प्रभाव : जापान के भूकंप मापी पैमाने के 5
(4) तीव्रता व संभावित प्रभाव : जापान के भूकंप मापी पैमाने के 6 से 7
(5) लंबे समय तक जारी भू-कंपन
(6) भूकंप से सुविधाओं और अवसंरचना पर प्रभाव
(7) बड़े भूकंप के बाद की सावधानी
(8) भूकंप-बाद के झटकों से सावधान

Series②असामान्य भूकम्पीय तीव्रता वाले क्षेत्र
(1) इसमें असामान्य क्या है?
(2) भूकम्प केन्द्र से दूरस्थ क्षेत्रों में तेज़ कंपन का कारण क्या है?
(3) क्या इसका संबंध पूर्वानुमानित नान्काइ गर्त भूकंप से है?

Series③उत्तरी और पूर्वोत्तरी जापान में भूकंप चेतावनी की नयी प्रणाली
(1) प्रणाली का विवरण
(2) नागरिकों की तैयारी कैसी रहे?
(3) व्यवसायों और समुदायों की तैयारी कैसी रहे?
(4) यह मौजूदा प्रणाली से कितनी भिन्न है?
(5) पहले के महाभूकंप और विशाल त्सुनामि
(6) अनुमानित क्षति कितनी होगी?
(7) महाभूकम्प के बाद बड़े झटकों की आशंका कितनी होती है?
(8) विशेषज्ञों की राय
(9) नयी प्रणाली ‘नान्काइ गर्त भूकंप अतिरिक्त जानकारी’ से कितनी भिन्न है?
(10) भावी मुद्दे


Series① बड़ा भूकंप आने पर क्या करें?


(1) भूकंप से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी कभी-कभी एक शक्तिशाली भूकंप से पहले "भूकंप की पूर्व चेतावनी" जारी करेगी। हालाँकि चेतावनी और वास्तविक भूकंप के बीच बहुत कम समय होता है। इसके अलावा, एजेंसी प्रायः समय पर चेतावनी जारी करने में असमर्थ होती है। पर आपकी प्राथमिकता है अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक क़दम उठाना।

जब भूकंप के समय आप अंदर हों -
1. अपने सिर को सुरक्षित रखें और किसी सुरक्षित स्थान जैसे मज़बूत मेज़ के नीचे आ जाएँ।
2. बाहर जाने की जल्दी न करें तथा खाना पकाने के चूल्हे या आग से संबंधित अन्य उपकरणों को बंद करने के अत्यधिक प्रयास न करें।
3. जब किसी इमारत के अन्दर कई लोगों के साथ हों तो बाहर निकास की ओर भागने की जल्दी न करें।
4. लटकती हुई बत्ती या सिर के ऊपर अन्य वस्तुओं के नीचे न खड़े हों।
5. अगर लिफ़्ट मे सवार हैं तो निकटतम मंज़िल पर रुक जाएँ।

जब भूकंप के समय आप बाहर हों –
1. दीवारों के गिरने, विज्ञापन पटल या ऊपर से टूटी खिड़कियों के शीशे गिरने की स्थिति से बचने के लिए इमारतों से दूर रहें।
2. इमारत खाली करें या किसी मज़बूत प्रतीत हो रही इमारत के अंदर रहें।
3. कंक्रीट ब्लॉक की दीवारों या वेंडिंग मशीनों के ऊपर से गिरने से सावधान रहें।
4. पहाड़ों या ढलानों से दूरी बनाये रखने की कोशिश करें जहाँ चट्टानें गिरने और हिमस्खलन होने का ख़तरा हो।
5. कार चलाते समय तुरंत गति कम न करें। पहले हैज़र्ड लाइट या पार्किंग लाइटें चालू करें, फिर कार धीमी करें। वाहन से बाहर निकलते समय कार की चाबियाँ कार में ही रहनी चाहिए।
(उपरोक्त जानकारी 4 अप्रैल 2022 तक की है।)



(2) तीव्रता व संभावित प्रभाव : जापान के भूकंप मापी पैमाने के 0 से 4

जापान में मौसम विज्ञान एजेंसी ‘शिन्दो’(震度・しんど) नामक भूकंप मापी पैमाने का उपयोग करती है। इसे देश भर में स्थापित मीटरों से मापा जाता है। शिन्दो पैमाने के 10 स्तर होते हैं - 0, 1, 2, 3, 4, 5 निम्न, 5 उच्च, 6 निम्न, 6 उच्च और 7।

एजेंसी पैमाने की तीव्रता के कारण होने वाले संभावित प्रभावों के मद्देनज़र प्रत्येक स्तर को निम्नलिखित रूप से परिभाषित करती है।

0 -- इस स्तर का भूकंप अतिसूक्ष्म होता है, जिसका लोगों को पता न नहीं चलता, परंतु भूकंपमापी यंत्रों द्वारा दर्ज किया जाता है।

1 -- इस स्तर का भूकंप घर के अंदर शांत अवस्था में कुछ लोगों द्वारा हल्का-सा महसूस किया जा सकता है।

2 -- इस स्तर का भूकंप घर के अंदर शांत अवस्था में कई लोगों द्वारा महसूस किया जा सकता है। कुछ लोग नींद से जाग सकते हैं। लैंप जैसी लटकने वाली वस्तुएँ थोड़ा हिलती हैं।

3 -- इस स्तर का भूकंप अधिकतर लोगों द्वारा घर के अंदर महसूस किया जा सकता है। चलते समय भी कुछ लोग इसे महसूस कर सकते हैं। बहुत से लोग नींद से जाग जाते हैं। अलमारी में रखे बर्तन आपस में टकरा कर बज सकते हैं। बिजली के तार थोड़ा झूलते हैं।

4 -- इस स्तर के भूकंप से अधिकतर लोग चौंक जाते हैं, और कई लोग चलते समय इसे महसूस कर सकते हैं। बहुत से लोग नींद से जाग जाते हैं। लैंप जैसी लटकने वाली वस्तुएँ ज़ोर से हिलती हैं, और अलमारी में रखे बर्तन बजते हैं। अस्थिर आभूषण गिर सकते हैं। बिजली के तार तेज़ी से झूलते हैं। वाहन चला रहे लोग भी भूकंप के झटके को महसूस कर सकते हैं।

(उपरोक्त जानकारी 5 अप्रैल 2022 तक की है।)




(3) तीव्रता व संभावित प्रभाव : जापान के भूकंप मापी पैमाने के 5

जापान में मौसम विज्ञान एजेंसी ‘शिन्दो’ (震度・しんど) नामक भूकंप मापी पैमाने का उपयोग करती है। इसे देश भर में स्थापित मीटरों से मापा जाता है। शिन्दो पैमाने के 10 स्तर होते हैं - 0, 1, 2, 3, 4, 5 निम्न, 5 उच्च, 6 निम्न, 6 उच्च और 7।

5 निम्न -- इस स्तर के भूकंप में लोग भयभीत हो जाते हैं और किसी मज़बूत स्थिर चीज़ को पकड़ने की आवश्यकता महसूस करते हैं। लैम्प जैसी लटकने वाली वस्तुएँ ज़ोर से झूलती हैं। अल्मारी में रखे बर्तन और ताक पर रखी चीज़ें गिर सकती हैं। बहुत सारी अस्थिर चीज़ें गिर जाती हैं। बाँधकर या अटका कर न रखा गया फ़र्नीचर अपनी जगह से हिल सकता है और अस्थिर फ़र्नीचर नीचे ज़मीन पर गिर सकता है। कुछ मामलों में खिड़कियाँ टूटकर गिर सकती हैं। बिजली के खम्भों को लहराते देखा जा सकता है। सड़कों को नुकसान पहुँच सकता है।

5 उच्च -- इस स्तर के भूकंप में बहुत से लोगों को चलने-फिरने में दिक्कत होती है। किसी मज़बूत स्थिर चीज़ के सहारे के बिना चलना कठिन हो जाता है। अल्मारी में रखे बर्तनों और ताक पर रखी चीज़ों के नीचे गिरने की संभावना बढ़ जाती है। टीवी स्टैंड से नीचे गिर सकता है और बाँधकर या अटकाकर न रखा गया फ़र्नीचर भी नीचे ज़मीन पर गिर सकता है। खिड़कियाँ टूटकर गिर सकती हैं, बिना सरिये वाली कंक्रीट की दीवारें ढह सकती हैं और ठीक से न लगायी गई वेंडिंग मशीनें भी नीचे गिर सकती हैं। वाहन रुक सकते हैं क्योंकि चालकों के लिए वाहन चलाना मुश्किल हो जाता है।
(उपरोक्त जानकारी 6 अप्रैल 2022 तक की है।)



(4) तीव्रता व संभावित प्रभाव : जापान के भूकंप मापी पैमाने के 6 से 7

जापान में मौसम विज्ञान एजेंसी ‘शिन्दो’(震度・しんど) नामक भूकंप मापी पैमाने का उपयोग करती है। इसे देश भर में स्थापित मीटरों से मापा जाता है। शिन्दो पैमाने के 10 स्तर होते हैं - 0, 1, 2, 3, 4, 5 निम्न, 5 उच्च, 6 निम्न, 6 उच्च और 7।

6 निम्न -- इस तीव्रता पर खड़े रहना मुश्किल हो जाता है। कई असुरक्षित फ़र्नीचर हिलते हुए गिर सकते हैं। दरवाज़े बंद हो सकते हैं। दीवार की टाइलें और खिड़कियाँ टूटकर गिर सकती हैं।

6 उच्च -- इस तीव्रता का भूकंप आने पर खड़े रहना या बिना रेंगे हिलना असंभव हो जाता है। लोग उछल कर गिर सकते हैं। अधिकांश असुरक्षित फ़र्नीचर अपनी जगह से हट जाते हैं, और उनके गिरने की प्रबल संभावना होती है। दीवार की टाइलों और खिड़कियों के टूटने व गिरने की अत्यधिक संभावना होती है। कंक्रीट की कम शक्तिशाली दीवारें गिर जाती हैं।

7 (उच्चतम स्तर) -- अधिकांश असुरक्षित फ़र्नीचर हिलते हुए गिर जाते हैं या हवा में दूर उछल कर गिर जाते हैं। दीवार की टाइलों और खिड़कियों के टूटने व गिरने की संभावना भी अधिक होती है। कंक्रीट की शक्तिशाली दीवारें भी धराशायी हो सकती हैं।
(यह जानकारी 7 अप्रैल 2022 तक की है।)



(5) लंबे समय तक जारी भू-कंपन

एक बड़े भूकंप के कारण भूमि का कंपन लंबा चल सकता है जिसके चलते ऊँची इमारतें काफ़ी समय तक धीरे-धीरे हिलती रहती हैं और भूकंप के केन्द्र से सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित इमारतों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।

भूकंप जितना बड़ा हो और जितना कम संकेन्द्रित हो, दीर्घावधि कंपन की संभावना उतनी ही अधिक होती है। यहाँ तक कि ज़मीन पर महसूस किये जाने वाले झटकों की तीव्रता कम होने पर भी दीर्घावधि कंपन से ऊँची इमारतों के ऊपरी मालों का हिलना तेज़ हो सकता है।

मार्च 2011 में पूर्वोत्तर जापान में आये भूकंप में, न केवल तोक्यो में बल्कि भूकंप के केन्द्र से लगभग 700 किलोमीटर दूर स्थित ओसाका में भी ऊँची इमारतें को दीर्घावधि भू-कंपन के कारण नुक़सान पहुँचा था। उस समय ओसाका में भूकंप की तीव्रता का स्तर तीन था।

दीर्घावधि भू-कंपन होने पर अचल स्टैंड पर न रखा फ़र्नीचर और कास्टर पर रखीं फ़ोटोकॉपी मशीनें अपनी जगह से खिसक कर काफ़ी दूर पर दूसरी जगह पहुँच सकती हैं। असुरक्षित फ़र्नीचर हिलते हुए गिर सकता है।

इसलिए कंपन समाप्त होने तक सुरक्षा की दृष्टि से कृपया ऐसी जगह पर रहें जहाँ कम से कम फ़र्नीचर और वस्तुएँ रखी हुई हों।
(उपरोक्त जानकारी 8 अप्रैल 2022 तक की है।)



(6) भूकंप से सुविधाओं और अवसंरचना पर प्रभाव

जापान मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार एक बड़ा भूकंप निम्नलिखित रूप से लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है।

गैस -- गैस मीटर पर लगे सुरक्षा उपकरण स्वचालित रूप से गैस की आपूर्ति रोक सकते हैं। तेज़ झटकों की स्थिति में इमारतों के पूरे ब्लॉक के लिए गैस की आपूर्ति बंद हो सकती है।

पानी और बिजली -- पानी तथा बिजली की आपूर्ति अवरुद्ध हो सकती है।

रेल सेवाएँ और राजमार्ग - रेल सेवाओं को स्थगित किया जा सकता है और सुरक्षा की पुष्टि के लिए राजमार्ग बंद किये जा सकते हैं। संचालक अपने विवेक से गति तथा अन्य प्रतिबंध लागू कर सकते हैं।

दूरभाष और संचार के अन्य साधन -- प्रभावित क्षेत्र तथा उसके आसपास के कई लोग अपने परिवार और दोस्तों की सुरक्षा की पुष्टि करने या आपदा के बारे में जानकारी लेने के प्रयास करते हैं जिससे टेलीफ़ोन और इंटरनेट लाइनें व्यस्त हो सकती हैं। इससे बचने के लिए दूरसंचार प्रदाता सूचना पटल और संदेश डायल सेवाएँ प्रदान करते हैं।

लिफ़्ट -- भूकंप नियंत्रण उपकरण युक्त लिफ़्ट सुरक्षा कारणों से स्वचालित रूप से बंद हो जाएँगी। सुरक्षा की पुष्टि होने के बाद ही सेवाएँ बहाल होंगी जिसमें कुछ समय लग सकता है।
(उपरोक्त जानकारी 11 अप्रैल 2022 तक की है।)



(7) बड़े भूकंप के बाद की सावधानी

एक बड़े भूकंप के बाद क्या प्रतिक्रिया होनी चाहिए, तथा किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

1. कम भूकंप-प्रतिरोधक क्षमता वाली इमारतें ढह सकती हैं। यदि आप चिंतित महसूस करते हैं, तो शरणार्थी केंद्रों में शरण ले सकते हैं।

2. चट्टानों और ढलानों पर मृदास्खलन का भय रहता है। यदि आप ऐसे स्थान पर हैं, तो शरणार्थी केंद्रों में शरण ले सकते हैं। अगर आप ऐसी सुविधाओं पर नहीं जा सकते, तो इमारत की दूसरी मंज़िल या उससे ऊपर रहें, या चट्टानों और ढलानों से दूर स्थित कमरों में शरण लें।

3. नदी के किनारे और भूमि उद्धार क्षेत्रों में मृदा का द्रवीकरण हो सकता है, जिससे सतह ढीली होने से उसमें दरार पड़ सकती है, इसलिए निकासी के दौरान आपको संभल कर चलना चाहिए।

4. निकटवर्ती इलाके में लगी आग फैल कर आपके पड़ोस तक पहुँच सकती है। बहुत अधिक देर हो जाने से पहले शरणार्थी केंद्रों में शरण लें।

5. बिजली आपूर्ति ठप होने के दौरान आपको मोमबत्ती की रोशनी पर निर्भर रहना पड़ सकता है, लेकिन जब भी आपको उसकी आवश्यकता न हो आपको उसे बुझा देना चाहिए। बिजली की आपूर्ति बहाल होने के बाद बिजली के तारों के टूटे हुए हिस्सों में आग लगने से रोकने के लिए निकासी से पहले आपको घर में लगे सर्किट ब्रेकर को भी बंद कर देना चाहिए।
(उपरोक्त जानकारी 12 अप्रैल 2022 तक की है।)



(8) भूकंप-बाद के झटकों से सावधान

किसी बड़े भूकंप के बाद प्रायः कई छोटे झटके महसूस किये जाते हैं। परंतु कभी-कभी प्रथम भूकंप के बाद और अधिक शक्तिशाली भूकंप आ सकता है।

अप्रैल 2016 में जापान के दक्षिण-पश्चिमी प्रीफ़ैक्चर कुमामोतो में 6.5 की तीव्रता का भूकंप आया जो 0 से 7 के भूकंप मापने के जापानी पैमाने पर 7 की तीव्रता का था। लगभग 28 घंटों के बाद उसी इलाके में 7.3 की तीव्रता का भूकंप आया।

आपके इलाके में भूकंप आने के बाद निम्नलिखित बातों पर ध्यान रखें।

1. लगभग एक सप्ताह तक प्रथम भूकंप के बराबर ही शक्तिशाली भूकंप के प्रति सावधान रहें।

2. प्रथम भूंकप के बाद कुछ दिनों तक और अधिक तीव्र झटकों के लिए तैयार रहें।

3. चट्टानों के गिरने और भूस्खलन की संभावना को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहें।

4. भूंकप मापने के जापानी पैमाने पर 6 या इससे अधिक की तीव्रता के झटके के बाद इमारतों के ढहने की संभावनाओं के प्रति सचेत रहें।

भूकंप से प्रभावित इलाकों में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे कुछ समय तक भूकंप-बाद के झटकों व अधिक तीव्रता वाले झटकों के प्रति सतर्क रहें।
(उपरोक्त जानकारी 13 अप्रैल 2022 तक की है।)


Series②असामान्य भूकम्पीय तीव्रता वाले क्षेत्र

इस शृंखला में चर्चा होगी ऐसी घटनाओं के बारे में जिनमें भूकम्प के केन्द्र से बहुत दूर तेज़ झटके महसूस किये जाते हैं। इन स्थानों को ‘असामान्य भूकम्पीय तीव्रता वाले क्षेत्र’ कहा जाता है। 14 नवम्बर 2022 को जापान में ऐसी ही घटना हुई। लेकिन प्रश्न यह है कि इसमें असामान्य क्या था। इस शृंखला में पिछली घटनाओं के उदाहरण से इस घटना को सरलता से समझते हैं।

(1) इसमें असामान्य क्या है?

इस नामकरण से समझने में यह भूल हो सकती है कि ऐसी घटनाएँ सामान्य नहीं है या अभूतपूर्व हैं। लेकिन असामान्य भूकम्पीय तीव्रता की घटनाएँ पहले भी अनेक बार हो चुकी हैं, इसलिए यह बिलकुल भी अभूतपूर्व या असामान्य नहीं हैं।

तो फिर इन्हें असामान्य क्यों कहा जाता है। आमतौर पर भूकंप के केन्द्र के निकट के इलाकों में भूकंप के तेज़ झटके महसूस होते हैं। लेकिन भूकम्प के केन्द्र से बहुत दूर होने के बावजूद असामान्य भूकम्पीय तीव्रता वाले क्षेत्रों में भूकम्प के ज़ोरदार झटके महसूस किये जा सकते हैं।

आमतौर पर यह घटना भूमिगत भूकम्प के साथ देखी जाती है। जब भूकम्प का केन्द्र जब धरती में कई सौ किलोमीटर नीचे होता है तब असामान्य भूकम्पीय तीव्रता की घटना देखी जा सकती है।

उदाहरण के लिए 30 मई 2015 को जापान में 8.1 की तीव्रता का भूकम्प आया था। इस भूकम्प का केन्द्र ओगासावारा द्वीप के पश्चिम में समुद्र में 682 किलोमीटर भूमि में था। 2011 में जापान के पूर्वोत्तर में आये भूकम्प का केन्द्र भूमि में 24 किलोमीटर गहराई में था। वहीं, 1995 में पश्चिमी जापान के कांसाइ इलाक़े में आये भूकम्प का केन्द्र भूमि से 16 किलोमीटर नीचे था। इन आँकड़ों से देखा जा सकता है कि 2015 में आये भूकम्प का केन्द्र धरती के नीचे विशेष रूप से बहुत गहराई में था। भूकम्प के ये ज़ोरदार झटके जापान के शून्य से 7 के भूकम्प मापी पैमाने पर उच्च-5 स्तर के दर्ज किये गए। ये झटके न केवल भूकम्प के केन्द्र ओगासावारा द्वीप के निकट महसूस किये गए बल्कि लगभग 1,000 किलोमीटर दूर कानागावा प्रीफ़ैक्चर में भी महसूस हुए थे। साइतामा प्रीफ़ैक्चर में भी 5 से निचले स्तर के झटके दर्ज किये गए थे। लेकिन भूकम्प के केन्द्र के निकट इज़ु द्वीपसमूह में से एक आओगाशिमा द्वीप पर भूकम्प का झटका तीव्र नहीं था। वहाँ पर 4 की तीव्रता दर्ज की गयी थी। साथ ही, जापान के सभी 47 प्रीफ़ैक्चरों में 1 या उससे अधिक की तीव्रता का भूकम्प दर्ज किया गया था।
(उपरोक्त जानकारी 15 नवम्बर 2022 तक की है।)



(2) भूकम्प केन्द्र से दूरस्थ क्षेत्रों में तेज़ कंपन का कारण क्या है?

पहले अंक में 30 मई 2015 के 8.1 की तीव्रता के भूकम्प की चर्चा हुई थी जो प्रशांत भूगर्भीय प्लेट के भीतर अत्यंत गहराई में शुरू हुआ था। प्रशांत प्लेट एक समुद्री विवर्तनिकी परत है जो जापान के पूर्वी तट से फ़िलीपींस समुद्री भूगर्भीय प्लेट के नीचे स्थित है। कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि इस भूकम्प का अवकेन्द्र या हाइपोसेंटर उस क्षेत्र में था जहाँ निम्नस्खलित या सबडक्टिंग प्लेट मुड़ी हुई थी।

विवर्तनिकी प्लेट बनाने वाले और उनके नीचे के प्रवार या मेंटल में भूकंपीय झटके देने वाले पदार्थों के अलग-अलग गुण होते हैं और यही है इस अंक के प्रश्न का उत्तर।

एक प्लेट दूसरे प्लेट के नीचे पिसती जाती है और अक्सर नीचे के प्रवार में डूब जाती है। प्रवार या मेंटल की ऊपरी परत बनाने वाली चट्टानों से हो कर गुज़रते समय भूकंपीय तरंगें क्षीण हो जाती हैं। वहीं दूसरी ओर, विवर्तनिकी या टेक्टोनिक परत के माध्यम से होकर जाने वाली तरंगें अधिक क्षीण नहीं होती। माना जाता है कि गहरे अवकेन्द्र से भूकंप के झटके विवर्तनिकी परत के माध्यम से दूर तक जाते हैं।

वर्ष 2015 में ओगासावारा भूकंप की भूकंपीय तरंगें, प्रशांत और फ़िलीपींस समुद्री प्लेटों के माध्यम से दूर-दूर तक पहुँची थीं। यही कारण है कि शून्य से 7 के भूकम्प मापी जापानी पैमाने पर उच्च-5 दर्ज किये गए ये झटके लगभग 1,000 किलोमीटर दूर कांतो क्षेत्र में भी महसूस हुए और जापान के सभी 47 प्रीफ़ैक्चरों में 1 या उससे अधिक तीव्रता के झटकों का अनुभव हुआ था।
(उपरोक्त जानकारी 16 नवम्बर 2022 तक की है।)



(3) क्या इसका संबंध पूर्वानुमानित नान्काइ गर्त भूकंप से है?

‘असामान्य भूकंप की तीव्रता का क्षेत्र’ निर्मित करने वाले भूकंप का केंद्र अत्यधिक गहराई में होता है, जो इतना नीचे होता है कि समुद्र तल से सैकड़ों या उससे भी कहीं अधिक किलोमीटर गहरी प्रशांत भूगर्भीय प्लेट के भीतर के प्रवार या मेंटल को अंदर से क्षतिग्रस्त कर देता है। यह नान्काइ गर्त में आने वाले किसी भी भूकंप से अलग पद्धति का होता है। नान्काइ गर्त का भूकंप विवर्तनिक परतों के आपस में टकराने की वजह से उत्पन्न होता है जो समुद्र तल से 100 किलोमीटर तक की गहराई में होती हैं।

साथ ही, केवल भूकंप की उत्पत्ति के केंद्र को ही देखे जाने पर ऐसा प्रतीत हो सकता है कि यह भूकंप नान्काइ गर्त के निकट से आया है, क्योंकि तरंग का केंद्र, अत्यधिक गहराई में स्थित अवकेंद्र से ठीक ऊपर होता है। लेकिन ‘असामान्य भूकम्पीय तीव्रता वाले क्षेत्र’ बनाने वाला कंपन फ़िलीपीन्स समुद्री भूगर्भीय प्लेट की वजह से नहीं आया, जो नान्काइ गर्त को उत्प्रेरित कर देती है। बल्कि इसका कारण प्रशांत भूगर्भीय प्लेट थी, जो जापान गर्त के इर्द-गिर्द निरंतर धँस रही है।

साफ़ शब्दों में कहें तो भिन्न-भिन्न भूकंपों के लिए भिन्न-भिन्न विवर्तनिक या भूगर्भीय प्लेटें कारक हैं।

इन तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ‘असामान्य भूकम्पीय तीव्रता वाले क्षेत्र’ का निर्माण करने वाले भूकंप का सीधे तौर पर नान्काइ गर्त से संबंध नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि यह महाभूकंप के पहले आने वाला कंपन नहीं था।

हालाँकि यह घटना जापान के निकट विवर्तनिक परतों की हलचल से उत्पन्न हुई, जिसके फलस्वरूप भूकंप आते हैं। लेकिन यह समझना आवश्यक है कि जापान विभिन्न प्रकार के भूकंप या झटकों से बच नहीं सकता है। ये झटके “अंतर-प्लेट भूकंप” हो सकते हैं जो विवर्तनिकी परतों के बीच बने तनाव से उत्पन्न होते हैं, या फिर “सक्रिय-गर्त भूकंप” हो सकते हैं जो एक विवर्तनिकी प्लेट के दबने से बने तनाव से उत्पन्न होते हैं।
(उपरोक्त जानकारी 17 नवंबर 2022 तक की है।)