जानकारी

भारी वर्षा का सतर्कता पैमाना और सुरक्षित स्थलों की ओर पलायन हेतु सुझाव

भूस्खलन - सावधानी और पलायन पर मार्गदर्शन


(2) बचाव के लिए दूसरी मंज़िल पर भागना अंतिम उपाय होना चाहिए

भूस्खलन हो जाने के बाद बच कर निकल पाना संभव नहीं है। जीवन की रक्षा के लिए सबसे श्रेष्ठ उपाय यही है कि शीघ्र-अतिशीघ्र ख़तरे वाले स्थान से निकल जाएँ। इस शृंखला में हम आपके लिए लेकर आये हैं भूस्खलन और निकासी सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण जानकारी।

राहत शिविर की ओर पलायन करना अधिक ख़तरनाक लगने पर बचाव के अंतिम उपाय के रूप में जान बचाने के लिए इमारत की दूसरी या उससे ऊपरी मंज़िलों के ऐसे कमरों की तरफ़ जाना चाहिए जो पहाड़ी चोटी या ढलान से सबसे दूर हैं।

सबसे अच्छा बचाव यही है कि ख़तरनाक स्थिति बनने से पहले ही सुरक्षित भवनों या स्थान पर चले जाएँ।

आपदा चेतावनी मानचित्र को ठीक से समझने के साथ ही नगरपालिकाओं द्वारा जारी भूस्खलन चेतावनी और निकासी के लिए आवश्यक जानकारी पर भी ध्यान देना ज़रूरी है। इसके अलावा आसपास की स्थिति पर ग़ौर करना भी ज़रूरी है।

खड़ी चट्टान, पहाड़ी की ढलान या नदी के पास रहने वाले लोगों को भारी वर्षा का पूर्वानुमान मिलने पर बचाव स्थल पर चले जाना चाहिए।

पश्चिमी जापान में 2018 में मूसलाधार वर्षा के बाद जिन जगहों पर भूस्खलन से लोग मारे गये थे उनमें से 90 प्रतिशत स्थानों को भूस्खलन चेतावनी क्षेत्र या अन्य जोखिम स्थल घोषित किया जा चुका था।

ढलान या पहाड़ी इलाकों के एकदम निकट ही नहीं बल्कि इनसे थोड़ी दूर के स्थानों को भी मृदास्खलन चेतावनी क्षेत्र घोषित किया जा सकता है। अतः आवश्यक है कि लोग चेतावनी दर्शाने वाले मानचित्र और अन्य सूचनाएँ अच्छे से पढ़ें और पता लगाएँ कि भूस्खलन का ख़तरा कहाँ पर है।

उपरोक्त जानकारी 21 जून तक की है।



(1) भूस्खलन की चेतावनी जारी होने पर तुरंत पलायन करें

भूस्खलन आरंभ हो जाने के बाद पलायन संभव नहीं होगा। लोगों के लिए अपनी जीवनरक्षा करने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि ख़तरे वाले स्थान से जल्द से जल्द निकल जाएँ। इस शृंखला में हम आपके लिए लेकर आए हैं भूस्खलन और निकासी से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी।

मृदास्खलन का ख़तरा बढ़ने पर मौसम विज्ञान वेधशाला और प्रिफ़ैक्चरों की सरकारें संयुक्त रूप से चेतावनी जारी करती हैं। चेतावनी जारी होने के बाद मृदास्खलन के ख़तरे का सामना कर रहे क्षेत्रों के निकट रहने वाले लोगों को स्थानीय सरकारों द्वारा दी गयी जानकारी का पूरी तरह से पालन करते हुए पलायन करने के लिए त्वरित क़दम उठाने चाहिए।

किसी चेतावनी या पलायन का आदेश न होने पर भी भूस्खलन अचानक हो सकता है।

मृदास्खलन के कुछ चेतावनी संकेत इस प्रकार हैं-
पहाड़ी ढलान से गिरने वाले छोटे पत्थर
पहाड़ी ढलान पर बनने वाली दरारें
पहाड़ी ढलान से अचानक फूटता पानी
अचानक सूखती नदियाँ
पहाड़ से आती कंपन या गड़गड़ाहट की आवाज़

ये असामान्य घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि मृदास्खलन होने वाला है और यह क्षेत्र ख़तरनाक है। लोगों को तुरंत चोटी या ढलान से दूर हटते हुए पलायन करना चाहिए और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। किसी भी सूरत में उन्हें घटना को देखने के लिए ऐसे क्षेत्र की ओर नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह ख़तरनाक है।

उपरोक्त जानकारी 20 जून तक की है।




20 जून 2022

शहरों में बाढ़ से सुरक्षा के सुझाव


(3) ज़मीन से ऊपर रहें

इस श्रृंखला में शहरी क्षेत्रों में बाढ़ से स्वयं को बचाने के तरीकों पर चर्चा की जा रही है और इस कड़ी में जानेंगे कि तहखाने में या भूमिगत रहने की अपेक्षा जमीन से ऊपर होना कितना महत्त्वपूर्ण है।

मूसलाधार बारिश की स्थिति में तलघरों, भूमिगत शॉपिंग मॉल या गाड़ी खड़ी करने की जगहों में बड़ी मात्रा में पानी भरना शुरू हो सकता है। भूमिगत होने की स्थिति में हम अधिकतर यह नहीं जान पाते कि ऊपर क्या हो रहा है। इसका अर्थ है कि भारी बारिश या बाढ़ की स्थिति में समय पर अपना स्थान खाली करने में विफल हो सकते हैं। एक बार जब पानी भूमिगत सुविधा केंद्रों में बहने लगता है तो जल प्रवाह का सामना करते हुए सीढ़ियाँ चढ़ना बहुत मुश्किल हो जाएगा। बाढ़ से बिजली की आपूर्ति ठप हो सकती है और लिफ़्ट चलना भी रुक सकती है। अंधेरे की स्थिति में भीड़ में दहशत भी पैदा हो सकती है।

उदाहरण के लिए जब तहखाने से निकलने वाले दरवाज़ों के बाहर 50 सेंटीमीटर गहरा पानी जमा हो तो दरवाज़े पर पानी का कुल दबाव 100 किलोग्राम तक पहुँच सकता है। जब बाहर पानी का स्तर लगभग 10 सेंटीमीटर ही हो तो बच्चों और बुजुर्गों के लिए दरवाजा खोलना काफ़ी मुश्किल हो जाता है। जब बाहर लगभग 30 सेंटीमीटर गहरा पानी हो तो वयस्कों के लिए भी दरवाजा खोलना मुश्किल होता है।

विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि भारी बारिश की स्थिति में तलघरों और भूमिगत सुविधा केंद्रों से हट जायें। यदि किसी कारण से आपको भूमिगत रहना पड़े तो नवीनतम मौसम की जानकारी और स्थानीय सरकारों की चेतावनी पर नज़र बनाए रखें और सुनिश्चित करें कि बाढ़ आने की संभावना होने पर ज़मीन से ऊपर पहुँच जायें।

उपरोक्त जानकारी 17 जून तक की है।



(2) निचले इलाकों और मैनहोल से सावधान रहें

इस शृंखला में हम शहरी क्षेत्रों में बाढ़ से सुरक्षा के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। इस अंक में हम जानेंगे कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को किन ख़तरों के प्रति सावधान रहना चाहिए।

जब वर्षा, जल-निकासी क्षमता से अधिक होती है, तो सीवर पाइपों में बहने वाले वर्षा जल का दबाव मैनहोल का ढक्कन हटा या ढकेल सकता है। गटर में बहने वाले पानी का स्तर भी बढ़ सकता है। ऐसे में, निचले इलाकों या संकरी सड़कों पर पानी जमा हो जाता है। कभी-कभी इस जल का प्रवाह नदी जितना तेज़ हो सकता है, जिससे व्यक्ति का संतुलन बिगड़ सकता है। जब आसपास के क्षेत्र जलमग्न हों तो आपको जितना संभव हो, अपना स्थान बदलने से बचना चाहिए। यदि आपको जगह बदलने की आवश्यकता हो, तो दो या उससे अधिक लोगों के समूह में ही ऐसा करें। छत्री या डंडे से ज़मीन का जायज़ा लेते हुए धीरे-धीरे चलें।

ध्यान रखें कि कुछ शहरी इलाकों में पहाड़ों को हटा कर आवासीय क्षेत्र बनाये जाते हैं। ऐसे क्षेत्र भूस्खलन की चपेट में आ सकते हैं, इसलिए अपने इलाके के आपदा मानचित्र की पुष्टि ज़रूर करें।

उपरोकित जानकारी 16 जून तक की है।



(1) नदियों से तुरंत दूर जाएँ

जापान में बरसात का मौसम शुरू हो गया है और ऐसे में बाढ़ के विरुद्ध हमारी तैयारी पर नये सिरे से ग़ौर करने की आवश्यकता है। कंक्रीट की इमारतों और पक्की सड़कों वाले शहरी इलाके वर्षा जल की बड़ी मात्रा सोखने में असमर्थ हैं। एक घंटे में 50 मिलीमीटर की बारिश होने से जल निकासी व्यवस्था ठप हो सकती है और बाढ़ आ सकती है। इस शृंखला की पहली कड़ी में हम शहरी इलाकों में बाढ़ से सुरक्षित बचने के तरीकों पर चर्चा करेंगे।

शहरों से होकर बहने वाली नदियाँ आमतौर पर संकरी होती हैं और उनके किनारे कंक्रीट से ढँके होते हैं। इससे बारिश होने पर नदियों का जल-स्तर तेज़ी से बढ़ सकता है।

जुलाई 2008 में कोबे शहर से होकर बहने वाली एक नदी में जल स्तर केवल 10 मिनट में 130 सेंटीमीटर बढ़ गया था।

नदी के किनारे खेल रहे 3 बच्चों समेत, 5 लोगों की तेज़ जल प्रवाह में बह जाने से मृत्यु हो गयी थी। प्रतिघंटे 50 मिलीमीटर से अधिक की मूसलाधार वर्षा के कुछ घंटों बाद नदी का पानी किनारों तक चढ़ जाने का खतरा बढ़ जाता है।

नदी के ऊपरी हिस्से में भारी वर्षा से नदी के निचले हिस्से में अचानक जल-स्तर बढ़ सकता है, चाहे उस इलाके में इतनी अधिक बारिश न भी हो रही हो। ऐसी स्थितियों में कृपया छोटी नदियों से तुरंत दूर चले जाएँ।

उपरोक्त जानकारी 15 जून तक की है।



13 जून 2022

भारी वर्षा का सतर्कता पैमाना और सुरक्षित स्थलों की ओर पलायन हेतु सुझाव


(11) सुरंग से वाहन पार करते समय सतर्क रहें

भारी वर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन के संबंध में जापान के पाँच-स्तरीय सतर्कता पैमाने पर आधारित हमारी इस नयी शृंखला में हम पलायन करते समय ध्यान रखने योग्य विशिष्ट बिंदुओं पर भी चर्चा कर रहे हैं। आज इस शृंखला की ग्यारहवीं और अंतिम कड़ी में कार से पलायन करने के विषय को आगे बढ़ाते हुए, सुरंग से गुज़रते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

विशेष रूप से रेलमार्गों और सड़कों के नीचे से गुज़रने वाले रास्ते या सुरंगें, बाढ़ की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। आसपास की सतह की तुलना में इनकी गहराई अधिक होने के कारण बारिश का पानी वहाँ कुछ ही समय में जमा हो जाता है। बाढ़ से अनजान वाहन चालकों के सुरंग में घुस जाने के चलते पहले भी कई घातक दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। इसलिए, आपको सलाह दी जाती है कि पलायन करते समय अन्डरपास या सुरंगों का उपयोग करने से बचें। अगर संभव हो तो कोई दूसरा मार्ग चुनें। कोई अन्य विकल्प न होने की स्थिति में पानी के स्तर पर नज़र रखते हुए वाहन को धीरे-धीरे आगे बढ़ाएँ।

जब कार में पानी भर जाता है, तो पानी के दबाव के कारण अंदर से दरवाज़े खोलना मुश्किल होता है। दरवाज़े जितने बड़े होंगे, उन पर दबाव उतना अधिक होगा, इसलिए बड़े दरवाज़ों या स्लाइडिंग डोर वाले वाहनों से बाहर निकलना अधिक कठिन होगा।

आपको सलाह दी जाती है कि आपात स्थिति में कार की खिड़की तोड़ने के लिए एक औज़ार अपनी कार में ज़रूर रखें। यदि आपके पास कोई औज़ार नहीं है, तो अपनी सीट के हेडरेस्ट में लगी धातु की दो छड़ों में से एक छड़ के एक सिरे को कार के दरवाज़े की चौखट और खिड़की के काँच के बीच टिका कर दूसरे सिरे को अपनी ओर खींचे। इससे खिड़की का काँच टूट जाएगा। याद रखें कि सबसे ख़राब स्थिति में भी यानि जब कार में भारी मात्रा में पानी भर जाए और कार के अंदर तथा बाहर जलस्तर समान हो जाए, तब भी दरवाज़ा खोलना संभव है।

यह जानकारी 9 जून तक की है।



(10) बाढ़ के पानी में आसानी से बह सकती हैं कारें

भारी वर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन के संबंध में जापान के पाँच-स्तरीय सतर्कता पैमाने पर आधारित हमारी इस नयी शृंखला में हम पलायन करते समय ध्यान रखने योग्य विशिष्ट बिंदुओं पर भी चर्चा कर रहे हैं। आज इस शृंखला की दसवीं कड़ी में कार से पलायन के विषय को आगे बढ़ाते हुए, बात करेंगे बाढ़ के पानी में कारों के आसानी से बह जाने की आशंका के बारे में।

जलमग्न सड़कों पर वाहन चलाना ख़तरनाक होता है। सड़क पर भरा पानी कोई बड़ी समस्या न लगने पर भी हो सकता है कि पानी काफ़ी गहरा हो। ऐसी स्थिति में पानी में कार के रुक जाने या कार के बह जाने का ख़तरा होता है। इसके अलावा, जब सड़क पर पानी भरा होता है और सड़क की सतह नहीं दिखती, तब अनजाने में गड्ढों, नालियों और सिंचाई की नहरों में गाड़ी के गिर जाने का ख़तरा रहता है।

ऐसे में जलमग्न सड़कों पर न जाकर, कोई अलग रास्ता लें। यदि बाढ़ग्रस्त सड़क पर जाना ही पड़े, तो कार की रफ़्तार धीमी रखें तथा आगे चल रही कार और अपनी कार के बीच पर्याप्त दूरी बनाकर चलें। ऐसा इसलिए क्योंकि सामने की कार से उछलता पानी आपकी दृष्टि पूरी तरह बाधित कर सकता है और यदि आगे चल रही कार ने अचानक ब्रेक लगायी तो आपके उस कार से टकराने का ख़तरा हो सकता है। साथ ही तेज़ रफ़्तार से कार चलाने से पानी में ऊँची लहरें उठेंगी जिससे पानी कार के इंजन में प्रवेश कर उसे ख़राब कर सकता है।

सड़कों पर जमा पानी यदि क़रीब 30 सेंटीमीटर गहरा हो तो कार का इंजन बंद हो जाएगा। पानी की गहराई 50 सेंटीमीटर या उससे अधिक होने पर आपकी कार तैरना शुरू कर सकती है और पानी में बह सकती है। आपके पास यात्री कार होने की स्थिति में ध्यान रखें कि सड़क पर जमा पानी आपकी कार के दरवाज़े या पेंदे से नीचे हो। यह भी याद रखें कि यदि जल-प्रवाह तेज़ है, मिसाल के तौर पर अगर नदी से उफनता पानी बहकर आ रहा है, तो उथले पानी में भी कार आसानी से बह सकती है ।

यह जानकारी 8 जून तक की है।



(9) पलायन के लिए कार का उपयोग हमेशा सुरक्षित नहीं

भारी वर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन के संबंध में जापान के पाँच-स्तरीय सतर्कता पैमाने पर आधारित हमारी इस नयी शृंखला में हम पलायन करते समय ध्यान रखने योग्य विशिष्ट बिंदुओं पर भी चर्चा कर रहे हैं। आज इस शृंखला की नौवीं कड़ी में हम बतायेंगे कार से पलायन करने के संबंध में सुझाव।

सबसे पहले तो यह मानना ग़लत होगा कि वाहन से पलायन करना हमेशा एक सुरक्षित माध्यम है। अक्तूबर 2019 में चक्रवाती तूफ़ान हगिबिस के दौरान, घर से बाहर मरने वाले लोगों में से 40 प्रतिशत ने कार से पलायन करते समय अपनी जान गँवायी थी। कुछ मामलों में गाड़ी, चलते समय बाढ़ में बह गयी। अन्य लोगों की मौत सड़क पर गड्ढे में वाहन गिरने से हुई।

विशेषज्ञों के अनुसार लोगों को यह मान कर जल्दबाज़ी में घर या काम पर नहीं जाना चाहिए कि वे कार में हैं तो सुरक्षित हैं, ख़ासकर जब इलाक़ा पहले से ही भारी वर्षा और तेज़ हवाओं से प्रभावित हो।

हमें नदियों के किनारे या धान के खेतों के नज़दीक वाहन चलाने से बचना चाहिए। नदियों में उफान आने या धान के खेतों में पानी भर जाने पर यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि सड़क और पानी के बीच की सीमा कहाँ है। ज़रा-सी चूक होने पर वाहन नदी या खेत में गिर सकता है। अतीत में आये आंधी-तूफ़ानों और मूसलाधार वर्षा के दौरान कुछ लोगों की इसी प्रकार मौत हुई थी। ध्यान रखें कि मूसलाधार बारिश के समय आप जिस सड़क से पलायन करें वह सुरक्षित हो, फिर भले ही आप उस सड़क से अच्छी तरह वाक़िफ़ क्यों न हों।

यह जानकारी 7 जून तक की है।



(8) अकेले जाने से बचें

भारी वर्षा, बाढ़ और भू-स्खलन के संबंध में जापान के पाँच-स्तरीय सतर्कता पैमाने पर आधारित हमारी इस शृंखला की आठवीं कड़ी में हम पलायन करते समय ध्यान रखने योग्य विशिष्ट बिंदुओं पर चर्चा जारी रखेंगे। आज का विषय है, अकेले जाने से बचें।

पलायन करते समय अकेले जाने से बचें और जहाँ तक संभव हो 2 या उससे अधिक लोगों के समूहों में रहें। बाढ़ग्रस्त इलाक़ों से दूर रहें। बाढ़ का पानी 50 सेंटीमीटर से अधिक या घुटनों से ऊपर होने पर वयस्क पुरुषों के लिए भी पानी के दबाव के कारण चलना कठिन हो जाएगा। यदि बहाव हो तो अपेक्षाकृत छिछले पानी में भी व्यक्ति अपना संतुलन खोकर पानी में बह सकता है।

सड़कों पर पानी भरने की स्थिति में सड़क दिखाई देना बंद हो जाती है और व्यक्ति आसानी से ठोकर खाकर गिर सकता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति किसी खुले गड्ढे, गटर या नाले में गिरकर बह सकता है।

यदि पानी-भरे क्षेत्र से गुज़रने के अलावा कोई चारा न हो तो गहरे पानी तथा तेज़ बहाव वाले हिस्सों से बच कर चलें।

छतरी या फिर किसी लंबी छड़ी से टटोल कर अगले क़दम की जाँच करते हुए सावधानीपूर्वक आगे बढ़ें।

यह जानकारी 6 जून तक की है।



(7) पैदल पलायन

इस नयी शृंखला में हम भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के संबंध में जापान के पाँच स्तरीय सतर्कता पैमाने पर चर्चा कर रहे हैं। इस शृंखला की सातवीं कड़ी में हम पैदल पलायन करते वक़्त ध्यान रखने योग्य विशिष्ट बिंदुओं पर नज़र डालेंगे।

पलायन के लिए आपको पतलून जैसे सहज कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है ताकि चलने-फिरने में आसानी रहे। चोटों से बचने के लिए गर्मियों में भी पूरी बाज़ू के कपड़े और लंबी पैंट पहनें। पैरों में पहनने के लिए ऐसे आरामदायक स्पोर्ट्स शूज़ उपयुक्त रहते हैं जिन्हें आप पहले कई बार पहन चुके हों। बूट्स यानि चमड़े इत्यादि के सख़्त जूते नहीं पहनने चाहिए क्योंकि भीगने पर वे भारी हो जाते हैं जिसके बाद चलना मुश्किल हो जाता है। बीच-सैंडल पहनने से बचें क्योंकि उनमें आसानी से फिसलने का ख़तरा होता है।

एक इमरजेंसी किट यानि आपात बैग पहले से तैयार रखें और इसे हल्का और ले जाने में आसान बनाने के लिए इसमें न्यूनतम आवश्यक सामान ही डालें। आपको सलाह दी जाती है कि गिरने से बचने और अपने हाथों को मुक्त रखने के लिए इस बैग को अपनी पीठ पर ढोएँ। स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए छतरी के बजाय रेनकोट की सलाह दी जाती है।

यह जानकारी 3 जून तक की है।



(6) “पलायन की घड़ी” तय करें

इस नयी शृंखला में हम भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के संबंध में जापान के पाँच स्तरीय सतर्कता पैमाने पर चर्चा कर रहे हैं। इस शृंखला की छठी कड़ी में हम लोगों को स्वयं के लिए “पलायन की घड़ी” निर्धारित करने की आवश्यकता पर ध्यान देंगे।

आपदा एजेंसियाँ और स्थानीय सरकारें नाना प्रकार की चेतावनी जारी करती हैं। आपदा के आसन्न होने पर, स्थानीय अधिकारी प्रत्येक व्यक्ति पर ध्यान नहीं दे सकते। इसलिए, हर व्यक्ति को स्वयं के लिए अग्रिम रूप से “पलायन की घड़ी” निर्धारित करने की आवश्यकता है ताकि सटीक समय पर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन किया जा सके।

लोगों को अपने समुदायों से जुड़े आपदा जोखिमों से परिचित होना चाहिए और आपदा के उच्च जोखिम के दौरान फ़ौरन पलायन करने का तरीका भी सीखना चाहिए।

लोगों के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि स्थिति बदतर होने से पहले ही वे जल्द क़दम उठाएँ। भारी वर्षा के दौरान नदियों में उफान आने पर कारें आसानी से बह सकती हैं। यदि नगरपालिका कोई पलायन आदेश जारी करती है, तो उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के निवासियों को तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन शुरू कर देना चाहिए।

जिन लोगों को स्थान परिवर्तन करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है, जैसे कि बुज़ुर्ग और शारीरिक रूप से अक्षम लोग, उन्हें तीसरे स्तर की सतर्कता जारी होने पर ही पलायन शुरू कर देना चाहिए।

अपनी इस शृंखला की अगली कड़ी में हम पलायन करते समय ध्यान रखने योग्य विशिष्ट बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।

यह जानकारी 2 जून तक की है।



(5) क्या करें जब पलायन करना कठिन हो?

भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के संबंध में जापान के पाँच स्तरीय सतर्कता पैमाने पर हमारी इस नयी शृंखला में आज हम चर्चा करेंगे कि पलायन कठिन होने की स्थिति में लोगों के पास क्या विकल्प हो सकते हैं।

कई घंटों तक भारी वर्षा जारी रहने के कारण अचानक परिस्थितियाँ बदल सकती हैं। ऐसे में हो सकता है कि बुज़ुर्गों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए पलायन की अपील और पलायन के आदेश, सही समय पर जारी न हो पायें। अगर घर के आसपास बाढ़ का पानी बहना शुरू हो जाये, तो ऐसे में किसी दूरस्थ शरण स्थल जाना कठिन हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में एक विकल्प यह है कि लोग पास ही किसी सुरक्षित जगह या इमारत में शरण लें। अगर लोग घरों से बाहर निकलने का ख़तरा नहीं ले सकते तो वे अपने ही मकान में ऊपरी मंज़िल पर जा सकते हैं या अगर खड़ी चट्टान जैसा ख़तरा है तो इमारत की दूसरी तरफ़ जा सकते हैं।

पहाड़ों पर छोटी या मझौली नदियों में उफान आ सकता है। रिहायशी इलाक़ों को होने वाला अलग-अलग नुक़सान इस बात पर निर्भर करता है कि वे नदी से कितनी दूरी और ऊँचाई पर स्थित हैं। नदी का तटीय इलाका या कोई ऐसा क्षेत्र जो बाढ़ के समय डूब सकता है, वहाँ मकानों के ढहने या पानी के साथ बह जाने का ख़तरा अधिक होता है। सरकार और अन्य प्राधिकरण, ऐसी जगहों को बाढ़ की अधिक आशंका वाले क्षेत्र घोषित करते हैं जहाँ इमारतों के ढहने का ख़तरा होता है। ऐसी जगहों में इमारत की पहली मंज़िल पर चले जाने मात्र से शायद जान न बचायी जा सके। लोगों को कोई सुरक्षित जगह तलाशने की सलाह दी जाती है।

यह जानकारी 1 जून तक की है।



(4) स्तर 5 की चेतावनी की प्रतीक्षा न करें

इस नयी शृंखला में हम जापान में भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के पाँच स्तरीय सतर्कता पैमाने पर चर्चा कर रहे हैं। इस शृंखला की चौथी कड़ी में हम स्तर 5, यानि अंतिम चेतावनी पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

चेतावनी के स्तर 5 के तहत निवासियों से अनुरोध किया जाता है कि वे अपनी जान बचाने के लिए तत्काल यथासंभव आवश्यक क़दम उठायें। स्थानीय सरकारें लोगों को तुरंत अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश देती हैं। ऐसे में इस बात की अत्यधिक आशंका होती है कि कोई आपदा आसन्न है या पहले ही घटित हो चुकी है। इस समय तक अधिकारी संभवतः उन स्थानों के बारे में जानकारी जारी कर चुके होते हैं, जहाँ नदियों के तटबंध टूट गये हैं। मौसम विज्ञान एजेंसी भी अधिकतम आपात चेतावनी जारी कर चुकी होती है। ऐसी स्थिति में किसी शरण स्थल तक पहुँच पाना लगभग असंभव होता है।

हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि स्थानीय सरकारों की ओर से "सुरक्षा सुनिश्चित" करने का आदेश जारी होने में विलंब हो सकता है। इस बात का ख़तरा रहता है कि ऐसी स्थिति में आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पायें। इसलिए स्तर 4 की चेतावनी जारी होने पर ही पलायन कर लेना चाहिए, और स्तर 5 का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। मान कर चलें कि स्तर 5 की चेतावनी उन लोगों के लिए जारी की जाती है, जो तब तक पलायन करने में विफल रहते हैं। उनके पास अपनी जान बचाने का दूसरा मौका होता है। यह न समझें कि आपके पास अब भी समय है क्योंकि अंतिम स्तर की चेतावनी जारी नहीं हुई है। पलायन आदेश जारी होते ही किसी सुरक्षित स्थान पर शरण लें।

यह जानकारी 24 मई तक की है।



(3) तीसरा और चौथा स्तर

एनएचके आपदा न्यूनीकरण से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दे रहा है। भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के संबंध में जापान के पाँच स्तरीय सतर्कता पैमाने पर हमारी शृंखला की यह तीसरी कड़ी है। आज हम स्तर 3 और 4 की चेतावनियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

स्तर 3 की चेतावनी पर बुज़ुर्गों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को पलायन आरम्भ करने की सलाह दी जाती है। स्थानीय सरकारें बुज़ुर्गों और अन्य निवासियों के लिए "पलायन चेतावनी" जारी करती हैं। ऐसी स्थिति में मौसम विज्ञान एजेंसी भारी वर्षा और बाढ़ के बारे में चेतावनी जारी कर चुकी होती है, और अधिकारी उफनती नदियों के प्रति लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे होते हैं। ऐसे में बुज़ुर्गों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को पलायन आरंभ कर देना चाहिए। अन्य लोगों को शरण स्थलों का पता लगाना चाहिए और साथ ले जाने वाला सामान बाँधना शुरू कर देना चाहिए। यदि उन्हें लगे कि वे ख़तरे में हैं, तो उन्हें स्वेच्छा से पलायन कर लेना चाहिए।

स्तर 4 की चेतावनी में ख़तरनाक इलाक़ों में मौजूद सभी लोगों को वहाँ से निकलने का आदेश दिया जाता है। यह आदेश स्थानीय सरकारें जारी करती हैं। यह ऐसी स्थिति होती है जहाँ भारी वर्षा से भूस्खलन का ख़तरा बढ़ चुका होता है। अधिकारी संभावित भूस्खलन के साथ-साथ नदियों के बढ़ते जल स्तर तथा बाढ़ के जोखिम की भी चेतावनी जारी कर चुके होते हैं। ख़तरनाक जगहों पर मौजूद केवल बुज़ुर्ग ही नहीं, बल्कि सभी लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए। शरण स्थल ही एकमात्र सुरक्षित स्थान नहीं होता, निकटवर्ती मज़बूत इमारत भी सुरक्षा प्रदान कर सकती है। स्थानीय सरकारों द्वारा तैयार ख़तरे के मानचित्र का उपयोग करके लोगों को ऐसे स्थानों की पहले से पहचान कर लेनी चाहिए।

यह जानकारी 23 मई तक की है।



(2) पहला और दूसरा स्तर

इस नयी शृंखला में हम जापान में भारी वर्षा, बाढ़, और भूस्खलन के पाँच स्तरीय सतर्कता पैमाने पर चर्चा कर रहे हैं। इस शृंखला की दूसरी कड़ी में हम पहले 2 स्तरों पर नज़र डालते हुए जानेंगे कि इनकी चेतावनी जारी होने पर क्या उपाय करें।

पहले स्तर की सतर्कता घोषित किये जाने पर, संबंधित क्षेत्रों के निवासियों को मौसम की नवीनतम जानकारी का संज्ञान लेने की सलाह दी जाती है। मौसम विज्ञान एजेंसी अपनी वेबसाइट पर संभावित चेतावनी और सलाह संबंधी जानकारी साझा करती है। इसका उद्देश्य लोगों को इस विषय में जागरूक करना है कि आगामी कुछ दिनों में मौसम-संबंधी सतर्कता जारी की जा सकती है। उदाहरण के लिए, पहले स्तर पर एजेंसी की वेबसाइट देखते हुए मौसम की ताज़ा जानकारी पाते रहें।

दूसरे स्तर की सतर्कता घोषित किये जाने पर, लोगों से सुरक्षित स्थलों की ओर पलायन करने के तरीके और गंतव्य के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए कहा जाता है। इस समय तक, एजेंसी भारी वर्षा और बाढ़ के संबंध में एक सलाह जारी कर चुकी होती है। यदि आप निर्दिष्ट इलाकों में हैं तो घर छोड़ने और शरण लेने हेतु अपेक्षित उपाय अपनाना याद रखें। आप जिस क्षेत्र में रहते हैं वहाँ संभावित आपदा के प्रकार, निकटतम आश्रयस्थल और वहाँ तक पहुँचने के मार्गों का पता लगाने के लिए ख़तरे का नक्शा देखें।

यह जानकारी 20 मई तक की है।



(1) सतर्कता के स्तर

जापान में शीघ्र ही वर्षा और समुद्री तूफ़ान का मौसम शुरू आने वाला है। भारी वर्षा की आशंका के मद्देनज़र जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी, चेतावनी और सलाह जारी करती है तथा स्थानीय सरकारें सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन का आदेश देती हैं। वर्ष 2019 में जापान ने भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलनों के लिए एक नया पाँच स्तरीय सतर्कता पैमाना अपनाया। नया पैमाना इसलिए अपनाया गया ताकि लोगों को यह समझने में आसानी रहे कि उन्हें कब पलायन करना चाहिए। मई 2021 में इसमें संशोधन किया गया।

एजेंसी, अंग्रेज़ी, चीनी और वियतनामी जैसी विदेशी भाषाओं में भी जानकारी प्रदान करती है।

हमारी इस नयी शृंखला में सतर्कता स्तरों की जानकारी और पलायन करते समय ध्यान रखने योग्य सुझाव दिये गए हैं। यह इस शृंखला की पहली कड़ी है। आगामी कड़ियों में, हम सतर्कता के प्रत्येक स्तर और उससे जुड़े संभावित ख़तरे के परिमाण, तथा अधिकारियों द्वारा निर्दिष्ट इलाकों में निवासियों के लिए अनुशंसित उपायों के बारे में जानेंगे।

यह जानकारी 19 मई तक की है।