जानकारी

आओ जानें तूफानों के बारे में

(1) तूफान गुज़रने के बाद के ख़तरे
(2)  तीव्र आँधी से क्षति
(3) तूफानी लहरें
(4) नदियों में बाढ़
(5) तूफान की पूर्व तैयारी कैसे करें




(1) तूफान गुज़रने के बाद के ख़तरे

“आओ जानें तूफानों के बारे में” शृंखला की पहली कड़ी में जानेंगे तूफान के बाद के ख़तरों को।

हालाँकि तूफान के आते समय बाहर रहना ख़तरनाक है, लेकिन उसके गुज़रने के बाद भी पैदल या गाड़ी से बाहर जाना सुरक्षित नहीं है। आँधी से उड़ी वस्तुएँ सड़कों या फुटपाथ पर पड़ी हुई हो सकती हैं, जिनसे टकराने पर लोग गिर सकते हैं या अपने पैरों को चोटिल कर सकते हैं। गाड़ी चलाते समय वाहनों के मलबों से टकराने पर दुर्घटनाएँ हो सकती हैं। मलबे के छोटे टुकड़े भी वाहन के टायर पंचर कर सकते हैं।

मोटर चालकों को आपातकालीन सड़क सहायता सेवा प्रदान करवाने वाले जापान मोटर वाहन संघ, यानी जाफ़ का कहना है कि आपात समस्याओं का सबसे बड़ा प्रतिशत टायर पंचर होना है। अधिकारियों का कहना है कि कई मामले ऐसे होते हैं जिनमें सड़कों पर तूफान से उड़कर गिरी छतों या दीवार के टुकड़ों या पेड़ की टूटी शाखाओं पर वाहन चढ़ जाते हैं, या उनसे टकरा जाते हैं। उन्होंने बताया कि सितंबर 2018 में जापान के पश्चिमी भाग में आये शक्तिशाली तूफान के बाद 3 दिनों में केवल ओसाका प्रिफ़ैक्चर से ही आपातकालीन सहायता के लिए उन्हें 782 कॉल प्राप्त हुए थे।

अतः लोगों को यह सलाह दी जाती है कि तूफान के गुज़रने के उपरांत गाड़ी चलाते समय वह पूरी सतर्कता रखें तथा सड़क स्थितियों को ध्यानपूर्वक सुनिश्चित करें।



(2)  तीव्र आँधी से क्षति

“आओ जानें तूफानों के बारे में” शृंखला की दूसरी कड़ी में जानेंगे तीव्र आँधी से होने वाली क्षति।

भिन्न-भिन्न वेग की हवा से होने वाली संभावित क्षति के निम्नलिखित उदाहरण हैं।

144 किलोमीटर प्रति घंटे के तात्कालिक वेग की आँधी में एक चलती हुई लॉरी को पलटने तथा साइनबोर्ड उड़ा ले जाने की शक्ति होती है। 216 किलोमीटर प्रति घंटे के अधिकतम वेग वाले आँधी के झोंके शिनकानसेन बुलेट ट्रेन की गति के बराबर होते हैं। इस वेग की आँधी इमारतों को तबाह कर सकती है। तूफान 288 किलोमीटर प्रति घंटे के वेग की आँधी ला सकते हैं।

आँधी में उड़ती छतरियाँ खिड़कियों को तोड़ सकती हैं। लोगों के लिए सलाह है कि तेज़ हवा में उड़ जाने वाली वस्तु, जैसे कि छाते और बाहर कपड़े सुखाने की रॉड इत्यादि, को तूफान के आने और हवाओं के तेज़ होने से पहले ही घर के अंदर कर लें। गीले चिथड़े और पत्रिकाएँ भी आँधी में उड़ने पर ख़तरनाक हो सकती हैं।

घर पर शटर बंद रखना ज़्यादा सुरक्षित है। अगर घर शटर युक्त न हों, तो खिड़कियों के काँच को गत्तों से ढकने या फिर उन पर फिल्म चढ़ाने से काँच को टूट कर बिखरने से बचाया जा सकता है।

तूफानों के कारण बिजली और जल आपूर्ति ठप हो सकती है। लोगों के लिए सलाह है कि वे कम से कम 3 दिनों तक के लिए भोजन तथा बैटरी की व्यवस्था करके रखें। तूफानी हवाएँ चलना आरंभ होने के बाद तैयारी शुरू करना ख़तरनाक हो सकता है। तूफान के आने से पहले ही तैयारी रखना अनुशंसित है।

तूफान के केंद्र से दूर होने के बावजूद लोगों को बवंडर समेत आंधियों के प्रति सावधान रहना चाहिए। अगर तूफानी बादलों के आने के संकेत मिलते हैं जैसे कि वज्रपात या हवाओं में अचानक परिवर्तन अथवा आसमान का काला होना, तो ऐसे में लोगों को मज़बूत नींव वाली इमारतों में शरण लेना चाहिए। जब आप घर के अंदर हो तो आपको खिड़कियों पर पर्दे डालकर, कम से कम या बिना खिड़की वाले कमरे में रहना चाहिए।



(3) तूफानी लहरें

“आओ जानें तूफानों के बारे में” शृंखला की तीसरी कड़ी में जानेंगे तूफानी लहरों के ख़तरों और उनसे बचाव हेतु लिए जाने वाले क़दमों के बारे में।

तूफानी लहरें तब उठती हैं जब तूफान का आगमन होता है या फिर एक निम्न दाब तंत्र विकसित होता है और समुद्री सतह ऊँचाई की ओर खिंचा जाती है। तीव्र हवाओं के साथ मिलकर बड़ी मात्रा में समुद्री जल तटवर्ती क्षेत्रों को जलाप्लावित कर देता है। इस प्रक्रिया ने बार-बार पूरे जापान में भीषण तबाही मचाई है।

वर्ष 2018 में तूफान जेबि पश्चिमी जापान के ओसाका की खाड़ी में भयंकर तूफानी लहर लाया था। इससे एक बहुत बड़ा क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त हो गया था, जिसमें कान्साइ अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की हवाई पट्टी तथा आगमन-प्रस्थान इमारत का भूमिगत तल भी शामिल था। इससे उबरने में 17 दिन का समय लगा था।

वर्ष 2004 में तूफान चाबा के कारण सेतो अंतर्देशीय सागर के कई क्षेत्रों में तूफानी लहरों का कहर बरपा था, जिससे कागावा और ओकायामा प्रिफ़ैक्चरों में तीन लोगों की मौत हो गयी थी।

ज्वार के साथ मिलकर जब तूफानी लहरें आती हैं, तो स्थिति और ख़तरनाक हो जाती है। वर्ष 2013 में, फ़िलीपींस में, तूफान हाइयान ने, 895 हेक्टोपास्कल के केंद्रीय वायुमंडलीय दाब के साथ कहर बरपाया था। माना जाता है कि उस समय 20 मीटर से अधिक ऊँचाई तक की लहरें उठी थीं।

एक चश्मदीद गवाह ने 5 मीटर से ऊँची तूफानी लहर को “त्सुनामि के समान” बताया था। उस समय तूफानी लहरें संभवतः ज्वार के साथ उठी थीं। यहाँ तक कि उन क्षेत्रों में भी, जहाँ पर तूफानी लहरें नहीं आयी थीं, 14 मीटर तक ऊँची ज्वार लहरों की पुष्टि हुई थी। ख़बरों के अनुसार, फ़िलीपींस में उस तूफान के कारण 7,000 से ज्यादा लोग मारे गये या लापता हो गये थे।

तूफानी लहरों से स्वयं की रक्षा करने के लिए ख़तरों को पहले से समझना आवश्यक है। जापान में, बाढ़ के ख़तरे वाले क्षेत्रों की जानकारी, स्थानीय सरकारों द्वारा निर्मित जोखिम मानचित्र द्वारा ली जा सकती है। बाढ़ के स्तर की संभावित गहराई भी मानचित्र में विभिन्न रंगों से दिखायी जाती है।



(4) नदियों में बाढ़

“आओ जानें तूफानों के बारे में” शृंखला की चौथी कड़ी में जानेंगे नदियों में बाढ़ के बारे में।

तूफान के कारण होने वाली भारी वर्षा अतीत में कई बार प्रमुख नदियों में बाढ़ का कारण बनी है। वर्ष 2019 में तूफान हगिबिस के कारण मध्यवर्ती जापान की चिकुमा नदी समेत अन्य नदियों के 140 से अधिक स्थानों पर तटबंध टूट गये थे, जिससे विराट क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो गया था।

नदियों में उफान और बाढ़ के संदर्भ में कुछ प्रमुख बिंदुओं को हमें ध्यान में रखना चाहिए।

जापान में, स्थानीय अधिकारियों द्वारा निर्मित जोखिम मानचित्र द्वारा आप इस बात का पहले से पता कर सकते हैं कि आपका निवास स्थान बाढ़ जोखिम क्षेत्र में है या नहीं। साथ ही, अगर आपका आवास जलाप्लावित होता है तो डूब की अनुमानित गहराई की जानकारी आपको पहले से पता रखने की सलाह दी जाती है। अगर पानी 3 मीटर से ज़्यादा गहरा है, तो इसका अर्थ है कि इमारत का दूसरा माला बाढ़ग्रस्त हो सकता है। अगर यह 5 मीटर से ज़्यादा गहरा है, तो पानी इमारत की तीसरी मंज़िल तक पहुँच सकता है।

जापान में, स्थानीय मौसम वेधशालाएँ अधिक बाढ़ जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी करती हैं। साथ ही, मौसम विभाग के साथ मिलकर केंद्र और प्रिफ़ैक्चर की सरकारें प्रमुख नदियों में बाढ़ के आपात ख़तरे संबंधी सूचनाएँ जारी करती हैं। ऐसी सूचना जारी होने पर, यथाशीघ्र पलायन करना आवश्यक है। यहाँ तक कि एक छोटी नदी या नहर में बाढ़ आने से भी गंभीर ख़तरा हो सकता है।

लगातार बारिश होने पर नदी में उफान आ सकता है और अचानक उसके तटबंध टूट सकते हैं। अचानक उत्पन्न हुई ऐसी स्थिति में कार से या पैदल जा रहे कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

अतः लोगों को यह सलाह दी जाती है कि जब तेज़ हवा और भारी वर्षा हो रही हो या अंधेरा हो चुका हो, तो अपने जीवन की रक्षा के लिए किसी मज़बूत इमारत के दूसरे तल पर शरण लेना, बाहर कहीं आश्रय ढूँढ़ने से बेहतर है।



(5) तूफान की पूर्व तैयारी कैसे करें

“आओ जानें तूफानों के बारे में” शृंखला की पाँचवीं और अंतिम कड़ी में जानेंगे तूफान आने से पूर्व उसकी विशेष तैयारी कैसे करें।

सर्वप्रथम तो घर के बाहर की तैयारी तेज़ हवाओं और भारी वर्षा के पहले पूर्ण कर लेनी चाहिए। इन तैयारियों में आता है –
-साइकिल या गमलों जैसी आसानी से गिरने वाली घर के बाहर रखी वस्तुओं को भीतर करना।
-तूफान से बचाव के लिए जिन घरों में शटर नहीं हैं उनमें खिड़कियों के काँच पर फिल्म चढ़ाना ताकि वे टूटकर बिखरे नहीं। अगर फिल्म नहीं हो तो पर्दे बंद कर खिड़कियों के काँच टेप के माध्यम से सुरक्षित करना।
-पानी जमा होने या जलाप्लावन से बचने के लिए तंग नलियों या नालिकाओं के क्षेत्र को साफ़ करना।

इसके बाद आपातकालीन पलायन हेतु आवश्यक वस्तुओं की तैयारी शामिल है। आपातकालीन पिट्ठूबैग में आपदा-विशेष ज़रूरी सामान होना चाहिए। इसमें पीने का पानी, भोजन, बैटरी चालित एक रेडियो सेट, और टॉर्च सहित कोरोनावायरस से बचाव के लिए चेहरे के मास्क, साबुन, अल्कोहल-युक्त निस्संक्रामक और एक थर्मामीटर शामिल है।

परिवारों द्वारा पहले से ही यह चर्चा किया जाना महत्त्वपूर्ण है कि वे एक-दूसरे की सुरक्षा की पुष्टि कैसे करेंगे, तथा कहाँ पर मिलेंगे। अपने परिवारों से दूर रह रहे वृद्ध लोगों को भी, आपातकाल के समय पलायन कर, शरण लेने के स्थल की जानकारी पहले से ही प्रदान कर देनी चाहिए।