जापानी स्कूलों में दाखिला : विदेशी बच्चों की भर्ती सम्बन्धी प्रश्नोत्तर

विदेशी बच्चों के जापानी स्कूलों में प्रवेश हेतु सहायतार्थ क़दम

(1) स्कूल में दाखिला न कराने वाले विदेशी बच्चों की वर्तमान स्थिति क्या है?

जापान सरकार के एक सर्वेक्षण के अनुसार देश में रह रहे हज़ारों विदेशी बच्चों का किसी स्कूल में दाखिला नहीं हुआ है। इस ख़बर ने देश को चौंका दिया है। इस शृंखला में हम जापान में रह रहे विदेशी नागरिकों के लिए विभिन्न भाषाओं में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि ये बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सकें। शृंखला के पहले भाग में जानेंगे जापान में स्कूली शिक्षा से वंचित इन विदेशी बच्चों की वर्तमान स्थिति के बारे में।

सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार मई 2022 तक निवासी रजिस्टर में पंजीकृत, अनिवार्य स्कूली शिक्षा की आयु के 1,36,923 विदेशी बच्चों में से 8,183 बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे। अधिकारियों को पता चला कि कुछ बच्चे स्कूल जाने में असमर्थ थे, जबकि अन्य बच्चों की उपस्थिति की पुष्टि नहीं की जा सकी।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार स्थानीय प्रशासनों ने परिस्थिति को समझने में कुछ प्रगति की है और सरकार को ज्ञात है कि बड़ी संख्या में विदेशी बच्चे अब भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं जिसके चलते अधिकारी इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं। मंत्रालय ने इंगित किया है कि कई मामलों में विदेशी अभिभावकों को यह जानकारी ही नहीं है कि जापान में अनिवार्य स्कूली शिक्षा निःशुल्क है।

(2) क्या विदेशी बच्चे जापानी स्कूलों में दाखिला पा सकते हैं?

सरकारी सर्वेक्षण में पाया गया है कि जापान में रहने वाले 8,000 से अधिक विदेशी बच्चे शायद स्कूल नहीं जा रहे हैं। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि अगर विदेशी बच्चे जापानी बच्चों की तरह जापान के प्राथमिक या जूनियर हाई स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं, तो वे भी निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने के हक़दार हैं। मंत्रालय का कहना है कि सरकार, जापानी बच्चों के समान ही, विदेशी बच्चों को शिक्षा के अवसर की गारंटी देती है।

दूसरी ओर, मंत्रालय का यह भी कहना है कि विदेशी नागरिक अपने बच्चों को शिक्षा प्राप्त कराने के लिए बाध्य नहीं हैं। इसके विपरीत जापानी नागरिक देश के संविधान के तहत अपने संरक्षण में सभी बच्चों को शिक्षा प्राप्त कराने के लिए बाध्य हैं। इस मुद्दे पर काम कर रहे शोधकर्ताओं को चिंता है कि जब तक माता-पिता या अभिभावक दाखिले के लिए आवेदन नहीं करते हैं, तब तक उनके बच्चे स्कूल जाने से वंचित रहेंगे।

(3) विदेशी निवासी स्कूल में नामांकन के लिए आवेदन कैसे करें?

शिक्षा मंत्रालय ने स्थानीय शिक्षा मंडलों को निर्देश दिये हैं कि वे अपनी नगरपालिका की निवासी सूची में शामिल विदेशी नागरिकों को पत्र भेजकर बच्चों को स्थानीय सरकारी प्राथमिक या जूनियर हाई स्कूलों में दाखिले के लिए आमंत्रित करें।

उदाहरण के लिए, अप्रैल में नया स्कूली सत्र शुरू होने से 6 महीने पहले यानि सितंबर में चिबा शहर पंजीकृत विदेशी नागरिकों को आवेदन पत्र भेजता है। यदि कोई पंजीकृत अभिभावक, “नामांकन के इच्छुक” विकल्प को चुन कर फ़ॉर्म वापस भेजता है, तो उसे प्रवेश संबंधी जानकारी जनवरी में भेज दी जाती है।

स्थानीय शिक्षा मंडलों का कहना है कि यदि कोई निवासी नगरपालिका में पंजीकृत नहीं है, परंतु वहाँ रहता है और उक्त नगरपालिका के शिक्षा मंडल में स्कूल नामांकन के लिए आवेदन करता है, तो सबसे पहले उसे अपना निवास पंजीकृत करने और फिर कार्यालय या स्थानीय शिक्षा मंडल में नामांकन करवाने को कहा जाएगा। यदि किसी कारणवश निवास पंजीकृत कराने में कठिनाई होती है, तो इस मामले पर अधिकारियों से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।

उदाहरण के लिए, तोक्यो के शिबुया वॉर्ड के शिक्षा मंडल का कहना है कि वैसे तो अच्छा होगा यदि निवासी अपना निवास पंजीकृत करा सकें, लेकिन ऐसा संभव न होने की स्थिति में भी वॉर्ड, दाखिले की आवेदन प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकता है। लेकिन इसके लिए निवासी को ऐसा दस्तावेज़ जमा कराना होगा, जो उसके निवास का प्रमाण दे सके, जैसे कि किराया अनुबंध।

(4) क्या निवासी दर्जा रहित बच्चे स्कूलों में दाखिला पा सकते हैं?

हाँ, वे स्कूलों में दाखिला पा सकते हैं। जापान सरकार ने 2011 में संसद में अपनी टिप्पणी में कहा था कि यदि विदेशी बच्चे जापानी स्कूलों में दाखिला लेना चाहते हैं, तो वे जापानी बच्चों की ही तरह निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने के हक़दार हैं, भले ही उनके पास निवासी दर्जा हो या न हो। विदेशी निवासियों की बड़ी संख्या वाले कानागावा प्रीफ़ैक्चर के कावासाकि शहर सहित कई स्थानीय नगरपालिकाओं के शिक्षा मंडलों की वेबसाइट पर कहा गया है कि निवासी दर्जे की परवाह किये बिना सभी बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के हक़दार हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने 2006 में प्रीफ़ैक्चर के शिक्षा मंडलों से आह्वान किया था कि विदेशी बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया के दौरान उनके निवास स्थान की पुष्टि करते समय लचीला रुख़ अपनाया जाए। मंत्रालय का कहना था कि मंडल, बच्चों के निवास स्थान का सत्यापन करने हेतु न केवल पंजीकरण प्रमाण पत्र बल्कि अन्य विश्वसनीय दस्तावेज़ों का भी उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, स्थानीय शिक्षा मंडल, निवासी दर्जे का प्रमाण न दे पाने वाले बच्चों की नामांकन प्रक्रिया पूरी करने हेतु रेंट एग्रीमेंट यानि किराया समझौता जैसे दस्तावेज़ों का उपयोग करते हैं।

(5) क्या स्थानीय शिक्षा मंडलों के लिए आप्रवासन अधिकारियों को निवासी दर्जा रहित बच्चों के मामलों की जानकारी देना अनिवार्य है?

नहीं, निवासी दर्जा न होने की स्थिति में आप्रवासन अधिकारियों को सूचित करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे बच्चों की स्कूली शिक्षा को प्राथमिकता देने के लिए अधिकारियों को स्वयं निर्णय लेने की अनुमति है।

यह सच है कि जापान में प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारी, संबंधित अधिकारियों को आव्रजन नियंत्रण क़ानून के उल्लंघन की जानकारी देने के लिए बाध्य हैं। लेकिन जापान सरकार ने संसद और अन्य स्थानों पर कहा है कि ऐसे असाधारण मामलों में, जब उल्लंघन की जानकारी देने पर प्रशासनिक संस्थाएँ अपने कर्तव्य पूरे नहीं कर सकतीं, तब उन्हें स्वयं निर्णय लेने की अनुमति है। अधिकारी, हर मामले में परिस्थिति के अनुसार निर्णय ले सकते हैं कि वे अपने प्रशासनिक कर्तव्य पूरे करें या उल्लंघन की जानकारी देते हुए अपने सार्वजनिक हित साधें।

सरकार की यह टिपण्णी अस्पष्ट और समझने में थोड़ी जटिल है क्योंकि इसे संबंधित मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच नाज़ुक विचारविमर्श के बाद तैयार किया गया है।

जब एनएचके ने उपरोक्त टिप्पणी के बारे में शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी से पूछा, तो अधिकारी ने बताया कि शिक्षा मंडल के अधिकारियों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता, जापानी विद्यालयों में प्रवेश के इच्छुक विदेशी बच्चों को दाखिला देना है, इसलिए यदि शिक्षा मंडल के कर्मचारियों को लगता है कि उल्लंघन की ख़बर देने से वे लक्ष्य से भटक जाएँगे, तो वे उल्लंघन की सूचना न देने का निर्णय लेने में सक्षम हैं।