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सेन्सेइ से पूछें

क्रिया का 'ते'-रूप - दूसरा तरीक़ा (पाठ 9)

पिछले पाठ में हमने क्रिया के 'मासु'-रूप को 'ते'-रूप में बदलने का मूल तरीक़ा सीखा था, जिसमें आपको सिर्फ़ 'मासु' को 'ते' में बदलना था।

इस पाठ में हम सीखेंगे एक और तरीक़ा। इस तरीक़े में 'मासु' के पहले आने वाले एक अक्षर को भी बदलना होता है। जैसे क्रिया 'आत्सुमारिमासु' यानी “इकट्ठा होना” में, 'मासु' के पहले आने वाला अक्षर है 'रि'। तो हम 'रिमासु' को बदल देंगे 'त्ते' में। तो 'आत्सुमारिमासु' का 'ते'-रूप होगा 'आत्सुमात्ते'। इसी तरह, जब 'मासु' के पहले आने वाला अक्षर 'इ' या 'चि' हो, तो उसे और 'मासु' को बदलें 'त्ते' में।

जब 'मासु' के पहले आने वाला अक्षर 'मि', 'नि' या 'बि' हो तो उसे और 'मासु' को बदलेंगे 'न्दे' में। जैसे क्रिया 'योमिमासु' यानी “पढ़ना” का 'ते'-रूप होगा 'योन्दे'।

जब 'मासु' से पहले का अक्षर 'कि' हो, तो उसे और 'मासु' को बदलें 'इते' में। तो क्रिया 'किकिमासु' यानी “सुनना” का 'ते'-रूप होगा 'किइते'। और अगर 'मासु' के पहले आने वाला अक्षर हुआ 'गि' तो उसे और 'मासु' को बदलेंगे 'इदे' में। तो क्रिया 'इसोगिमासु' यानी “जल्दी करना” का 'ते'-रूप होगा 'इसोइदे'।

'इकिमासु' यानी “जाना” अपवाद है। इसका 'ते'-रूप है 'इत्ते'।

अब इस नियम को गाकर याद करेंगे। यह गीत बताता है कि क्रिया के अन्त में जुड़े 'मासु' के पहले आने वाले अक्षर के आधार पर, क्रिया का 'ते'-रूप बनाने का तरीक़ा कैसे बदलता है।
“अध्ययन सामग्री” में देखें।
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